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लेखनी कविता रचना प्रतियोगिता -08-Jun-2022

स्वीकार करो जीवन की सच्चाई को
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                  गीत
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स्वीकार करो सभी जीवन की सच्चाई को
ग्रहण करो सब से जीवन की अच्छाई को
  उठकर गिरना गिरकर उठना
   तरंगों  को है  सदैव  चलना
   बढ़कर घटना घटकर बढ़ना
   उमंगों को है  हर दम बहना
सब अस्थिर है देखो अपनी परछाँई को
ग्रहण करो...........
पल में मन ये प्रफुल्लित हो जाता
खुशियों से अंग उद्देलित हो जाता
पल में मन ये दिगभ्रमित हो जाता
बुरा कर्म कर प्रतिदिन वो पछताता
मन अस्थिर है सोचो मन की गहराई को
ग्रहण करो .........।
धरती चलती सूरज चलता चलते चाँद सितारे
हर पल घटती घटनाओं पर कोई जरा विचारे
पल में जीवनहै पल में मौत सभी को पुकारे
कोई बसाये किसी का घर कोई उसे उजाड़े
गौर करो कर्मो की अच्छाई और बुराई को
ग्रहण करो ...........।
किसके बस में है यह सब कोई समझ न पाया
युग बीते सदियाँ बीती लाखों ने समझाया
सोचों जरा जीवन में कितना पुण्य कमाया
इतने बरस में कितना हमने सफल बनाया
"खालिद"पूरा करो पिछली हर भरपाई को
ग्रहण करो .......
..........................................
खालिद हुसैन सिद्दीकी                     मुलायम नगर कालोनी इस्माइलगंज   चिनहट लखनऊ   उ.प्र. मो.नं..6391225295
आज दिनांक 8-6-2022 की लेखनी कविता रचना प्रतियोगिता में शामिल करने के लिए 

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5 Comments

Swati chourasia

09-Jun-2022 10:37 AM

वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌

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Renu

08-Jun-2022 11:39 PM

👍👍

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Raziya bano

08-Jun-2022 10:08 PM

Bahut khub

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